दो समुद्री तटों और चार पहाड़ियों के बीच स्थित रायगढ़ का हरिहरेश्वर मंदिर, जहाँ विराजमान हैं पेशवाओं के कुलदेवता
--- दो समुद्री तटों और चार पहाड़ियों के बीच स्थित रायगढ़ का हरिहरेश्वर मंदिर, जहाँ विराजमान हैं पेशवाओं के कुलदेवता लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---
मराठा योद्धाओं की शौर्यगाथा और छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज के महान स्वप्न का साक्षी रहा है महाराष्ट्र। राज्य को प्रकृति का विशेष स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त है क्योंकि यहाँ प्रकृति की गोद में स्थित हैं कई ऐसे दिव्य और आध्यात्मिक स्थान, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और जिनका हिंदुओं में विशेष महत्व है। ऐसा ही एक मंदिर महाराष्ट्र के रायगढ़ में स्थित है, जो हरिहरेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
हरिहरेश्वर मंदिर की स्थिति
महाबलेश्वर से निकलने वाली सावित्री नदी हरिहरेश्वर के निकट अरब सागर से मिलती है। नदी रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों की सीमा है। चार पहाड़ियों हरिहरेश्वर, हर्षिनाचल, ब्रह्माद्रि और पुष्पाद्रि के बीच स्थित है हरिहरेश्वर कस्बा, जिसके उत्तर में स्थित है हरिहरेश्वर मंदिर। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है लेकिन मंदिर में ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु और माता पार्वती की प्रतिमाएँ भी स्थापित हैं। हरिहरेश्वर में दो समुद्री तट हैं, एक बालू का और एक चट्टान का। यह दोनों तट मंदिर के उत्तर और दक्षिण में स्थित हैं।
मुख्य मंदिर के अलावा हरिहरेश्वर में कालभैरव और माता योगेश्वरी के मंदिर भी विद्यमान हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि अक्सर कालभैरव की प्रतिमा दक्षिण की ओर मुख किए हुए मिलती है लेकिन हरिहरेश्वर में स्थित मंदिर में कालभैरव की प्रतिमा उत्तरमुखी है। मंदिर की मान्यता के अनुसार पहले कालभैरव के ही दर्शन करने होते हैं उसके बाद हरिहरेश्वर भगवान के। इस स्थान को भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए इस स्थान को ‘देवघर’ भी कहा जाता है।
मंदिर का निर्माण
ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ है। पेशवाओं द्वारा मंदिर के कई हिस्सों के निर्माण और जीर्णोद्धार की जानकारी प्राप्त होती है। मंदिर के देवता पेशवाओं के कुलदेवता थे, इसलिए उन्होंने इस मंदिर के रखरखाव और निर्माण के लिए बहुत से योगदान दिए। आग लगने के कारण मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद 1723 में बाजीराव पेशवा प्रथम ने मंदिर का पूरी तरह से निर्माण कराया।
महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थित इस मंदिर में भगवान के आशीर्वाद के साथ प्रकृति का सुरम्य वातावरण भी मिलता है। हरिहरेश्वर में मंदिर के अलावा जंगल, समुद्र के तट, पहाड़ों की श्रृंखला और सावित्री नदी की सुरम्यता भी स्थित है। दक्षिण की काशी कहा जाने वाला यह हरिहरेश्वर मंदिर अपनी इसी विशेषता के कारण न केवल हिन्दू श्रद्धालुओं बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक पसंदीदा स्थान है।
कैसे पहुँचे?
हरिहरेश्वर के सबसे निकट स्थित हवाईअड्डे हैं पुणे और मुंबई जो क्रमशः 170 किमी और 200 किमी की दूरी पर स्थित हैं। माणगाँव, हरिहरेश्वर के सबसे निकट स्थित रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुंबई से मांडोवी एक्सप्रेस, मत्स्यगंधा एक्सप्रेस और कोंकण कन्या एक्सप्रेस माणगाँव तक जाती हैं। मुंबई, पुणे और पनवेल से हरिहरेश्वर पहुँचने के लिए सरकार की बस सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा इन स्थानों से हरिहरेश्वर पहुँचने के लिए टैक्सी आदि की सहायता भी ली जा सकती है।
IFTTT Tags: Video, medico, itmedi, medium definition, media go, media one, mediam, on the media, what is media, medical news, media pa, media buying, define media, define media, media net, media news, media wiki, the media, media meaning, news media, mediasite, definition of media, www media markt, media watchdog, www media, web media, Narendra Modi, India Media, News, Rahul Gandhi, Hindutva, Maharashtra, Mumbai, Tamilnadu, Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, Baba Ramdev, IMA, Patanjali, Ayurveda,Homeopathy, Allopathy,
0 Comments: